Shaarib Ishq Maine Paaya
दिल पे जो गुज़री है यहाँ
करें कैसे बयां, तू बता
तुझको तुझी से मांग कर
तुझी से कह रहा अलविदा
रूह तक चल के आने दे मुझको
तेरे साए से मेरी परछाई मिलने दे
इश्क़ मैने पाया तेरे हाथों की लक़ीरों में
बाँध ले आवारा इन साँसों को ज़ंजीरों में
इश्क़ मैने पाया तेरे हाथों की लक़ीरों में
बाँध ले आवारा इन साँसों को ज़ंजीरों में
क्यूँ.. होंठ मेरे बातें तेरी हैं?
क्यूँ.. जिस्म मेरा साँसें तेरी हैं?
दर्द में भी मैं तन्हा हूँ
जाने क्यूँ खोया रहता हूँ
दर्द में भी मैं तन्हा हूँ
जाने क्यूँ खोया...
इश्क़ कर ले या दे सज़ा मुझको
अपनी नज़रों में दे पनाह मुझको जान-ए-जां
इश्क़ मैने पाया तेरे हाथों की लक़ीरों में
बाँध ले आवारा इन साँसों को ज़ंजीरों में
इश्क़ मैने पाया तेरे हाथों की लक़ीरों में
बाँध ले आवारा इन साँसों को ज़ंजीरों में